मंदिरों के लिए फेमस है बेंगलुरु, वक्त निकालकर जरुर करने जाएं दर्शन

बेंगलुरु अपने लाइफस्टाइल, बेहतरीन फूड और मार्डन शॉपिंग मॉल के लिए दुनिया भर में फेमस है। अपनी इन्हीं खासियतों की वजह से बेंगलुरु में आपको हर वक्त चहल-पहल देखने को मिलेगी। मार्डन होने के साथ-साथ बेंगलुरु धार्मिक तौर पर भी बहुत आगे है। आपको यहां ऐसे बहुत से मंदिर देखने को मिलेंगे जहां जाकर आपको एक दम शांति महसूस होगी।

डोडा गणेश मंदिर : बुल टेंपल रोड पर स्थित डोडा मंदिर अपनी खूबसूरती की वजह से दुनिया भर में फेमस है। यह मंदिर गणेश जी को समर्पित है। यहां पर आपको गणपति जी की लगभग 18 फीट ऊंची मूर्ति के दर्शन करने को मिलेंगे। इस मूर्ति की एक और खास बात है कि इसका निर्माण एक चट्टान को तोड़कर किया गया है। मंदिर में भगवान दर्शन के लिए सुबह 6 से दोपहर 12 बजे और शाम 5:30 बजे से रात 9 बजे तक का समय सबसे बेहतर रहता है।

इस्कॉन मंदिर : इस्कॉन एक संस्था का नाम है, जिसके अंदर विश्वभर के कृष्ण मंदिर आते हैं। इस संस्था का केवल एक ही महत्व है कि लोगों को शांत और सरल जगह प्रदान करना है। बेंगलुरु के इस इस्कॉन मंदिर की स्थापना वर्ष 1997 में की गई थी। मंदिर के अलावा, यहां पर आपको भगवान कृष्ण के जीवन के बारे में पाठ, प्रार्थनाओं और मंत्रोच्चार का आयोजन, भक्तों के लिए ठहरने के लिए कमरे, एक संग्रहालय और एक थिएटर भी मिलेगा जहां आपको कृष्ण जी से जुड़ी खास बातें विस्तार में बताई जाएंगी।

शिवोहम शिव मंदिर : कुछ अलग देखने के शौकीन लोगों के लिए बेंगलुरु किसी गिफ्ट से कम नहीं हैं। यहां आपको एक नहीं बल्कि अनेक अलग-अलग तरह की  ईमारतें, घर और न जाने और कितनी चीजें देखने को मिलेंगी। शिवोहम शिव मंदिर भी बेंगलुरु की उन्हीं खास जगहों में से एक है। प्रवेश द्वार पर शुद्ध सफेद रंग की शिव की प्रतिमा के बाद आपको वहां पर 35 फीट ऊंची भगवान गणेश की प्रतिमा भी देखने को मिलेगी। अगर आप शांति के साथ-साथ वास्तुकला का अद्भुत संगम देखना चाहती हैं तो शिवोहम शिव मंदिर जरूर जाएं।

श्रीगिरि श्री शंखमुख मंदिर : यह मंदिर अपने छह मुख वाले शानदार शंख की वजह से दुनिया भर में फेमस है। इस मंदिर में क्रिस्टल के साथ सजाया गया एक और विशाल गुंबद है। जो दिन के समय तो चमकता है ही, साथ ही रात्रि में एलईडी में भी इसकी चमक देखते ही बनती है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर आपको मोर की मूर्तियाँ देखने को मिलेंगी। इस मंदिर की खासियत है कि यहां सूर्य किरण के साथ शंखमुख को अभिषेक किया जाता है। जब सूरज की किरणें शंख पर पड़ती हैं तो उस समय मंदिर की खूबसूरती अजब नजारे पेश करती है।

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